आर्थिक वृद्धि बेहद जरूरी: गवर्नर

मुंबई, अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आहट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि इस समय सर्वोच्च प्राथमिकता है. हर नीति निर्माता इसे लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा कि सुस्ती के संकेतों साथ उम्मीद से कम वृद्धि वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए प्रमुख जोखिम है. हालांकि, बैंकों को झटके सहने के लिए अधिक लचीला बनाया रहा है, उद्योग मंडल फिक्की की ओर से आयोजित सालाना बैंकिंग सम्मेलन में आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक वद्धि में गिरावट पर चिंता जताते हए कहा कि कयामत और निराशा किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं हैं. वद्धि को बढावा देना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और नीति निर्माता के लिए यह चिंता विषय है, उन्होंने माना कि एनबीएफसी संकट, कुछ अहम क्षेत्रों में पूंजी उपलब्धता और मौद्रिक नीति



का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने और बैंकिंग सुधार से कारोबारी समुदाय के साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर पडता रहा है. दास ने कहा कि वैश्विक बैंकिंग प्रणाली जोखिम को सहने के लिए लचीली हो रही है. वित्तीय स्थिरता पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि यह अकेले दीर्घकालिक वद्धि सनिश्चित कर सकती है. पुराने ग्राहकों की ईएमआई पर भी फायदा देगा एसबीआई कोलकाता. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पुराने होम लोन ग्राहकों की ईएमआई जल्द कम हो सकती है. बैंक अपने मौजूदा होम लोन ग्राहकों को भी आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा पहुंचाने पर विचार कर रहा है. वह पुराने ग्राहकों को भी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट पर कर्ज दे सकता है. बैंक को उम्मीद है कि सरकार अगर सुस्त इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए राहत का इंतजाम करती है तो दूसरी तिमाही में कंज्यूमर डिमांड बढेगी. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने जुलाई में होम लोन के लिए रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट की शुरुआत की थी, जिसका फायदा सिर्फ नए ग्राहकों को दिया जाना था. ऐसे में सिर्फ बैंक के नए ग्राहकों को नीतिगत दरों में कटौती का फायदा मिल रहा था. बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि मौजूदा ग्राहकों को नीतिगत दरों में कटौती का फायदा पहुंचाने की संभावना पर हम विचार कर रहे हैं.