सैकड़ोंबिल्डिंगबगैरफायरएनओसीके सूरतहादसे केबादभीनहींचेताप्रशासन

सैकड़ोंबिल्डिंगबगैरफायरएनओसीके


सूरतहादसे केबादभीनहींचेताप्रशासन


शहर की इमारतों में लगे अग्निशमन उपकरण या तो पुराने हो गए या फिर एक्सपायर ज्यादातर इमारतों में नहीं ली जाती फायर एनओसी। शहर की कुछ इमारतों को छोड़ दिया जाए तो किसी के पास आग रोकने या बुझाने के इंतजाम नहीं हैं। इसी कारण आग लगने पर या बुझाने के इंतजाम नहीं हैं। इसी कारण आग लगने पर बड़ी दुर्घटना को टालना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर बिल्डिंग बनाने वाले फायर विभाग से एनओसी नहीं लेते हैं, जबकि यह जरूरी होती है। उसके हिसाब से ही मोटर, पानी, पाइपिंग, कवर एरिया व ऊंचाई सुरक्षा को देख एनओसी दी जाती है इसके बाद पालन का फायर पभाग पर आश्रित नहीं रहना पड़ता है।




नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह ने कहा कि इंदौर में सैकड़ों बगैर फायर एनओसी के संचालित हो रही है। यह गलत है इंदौर प्रदेश की वित्तीय राजधानी है। यहां पर हाईराइज बिल्डिंगों में सूरत जैसा अग्निकांड नहीं होना चाहिये। इसके लिए प्रशासन को सचेत रहना चाहिये। सूरत कांड के बाद प्रशासन कोचिंग क्लासेस के पीछे लग गया था। मानो जैसे सूरत अग्निकांड के लिए शहर की क्लासेस जिम्मेदार हो, जबकि होना तो यह चाहिये था कि शहर की हर बड़ी इमारत पर फायर एनओसी की जांच की जाना चाहिये थी।


होटल गोल्डन गेट के मैनेजर मैनेजर पर केस


योजना क्रमांक 54 स्थित होटल गोल्डन गेट में जो आग लगी थी, उसकी शुरुआत तलघर से हुई थी। जानकारी मिली है कि होटल में गैस मैकेनिक का काम करने वाले युवक ने मैनेजर को नली खराब होने की जानकारी कई बार दी थी। जिसे उसने टाल दिया था। वहीं से पूरे हादसे की शुरुआत हुई थी। विजयनगर पुलिस ने होटल के मालिक चंद्रशेखरसिंह की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। मालिक ने यह भी बताया कि आग लगने के बाद कर्मचारियों ने अग्निशमन यंत्र भी चलाए, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। कर्मचारियों का कहना है कि पूरी घटना के लिए होटल का मैनेजर ही जिम्मेदार है। उनकी लापरवाही के कारण ही इतनी बड़ी घटना हई है। पलिस जांच जैस जैसे आगे बढ़ेगी, इस अग्निकांड से जुड़ी हुई कई बात सामने आएगी।


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