कश्मीर पर अमेरिका ने भी कर दी खिंचाई
पाकिस्तान की अमेरिका ने खिंचाई की है. पाकिस्तान के दोहरे मापदंड को उजागर करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह जितनी चिंता कश्मीर पर जता रहा है कि उतना चीन में नजरबंद मुसलमानों को लेकर मक भी दिखाए. अमेरिका की ऐक्टिंग असिस्टेंट सेक्रटरी (साउथ ऐंड सेंट्रल एशिया) ऐलिस वेल्स ने गुरुवार को यह सवाल खड़े किए कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के बारे में क्यों नहीं बोल रहे, जहां पर10 लाख उगर और अन्य तुर्की भाषा बोलने वाले मुसलमानों को नजरबंद रखा गया है.
कश्मीर पर पाकिस्तान के पीएम की कथित चिंता को लेकर पूछे गए सवाल का का जवाब देते हुए ऐलिस वेल्स ने कहा, मैं पश्चिमी चीन में नजरबंद किए गए मुसलमानों को लेकर भी उसी स्तर की चिंता देखना चाहूंगी, जो नाजी शिविरों की तरह के हालात में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चीन के मुसलमानों की ज्यादा चिंता करनी चाहिए क्योंकि वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन ज्यादा है. वेल्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ट्रंप प्रशासन ने पूरे चीन में मुसलमानों के साथ हो रही ज्यादती और भयानक हालात के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है. वेल्स की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीरराज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत के फैसले पर दुष्प्रचार कर रहा है. वह मुस्लिम दांव भी चल रहा है. हाल में पाक पीएम इमरान खान ने न्यू यॉर्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दुनिया चुप है क्योंकि मामला मुसलमानों का है, जब भी चीन में मुसलमानों के हालात पर इमरान खान से सवाल होते हैं तो वह यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि उनके अपने देश में काफी समस्याएं हैं जिस पर उन्हें ध्यान देना है. एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में उगरों को लेकर पूछे गए सवाल पर इमरान ने टिप्पणी करने से ही इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के चीन के साथ खास संबंध हैं और हम केवल निजी तौर यह मुद्दा उठाएंगे. उधर, चीन का सदाबहार दोस्त चीन अपने देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर ऐक्शन की आलोचना करने वाले देशों की निंदा करता रहता है.